Aditya L1 भारत का पहला सूर्य मिशन है, जो 2 सितंबर, 2023 को लॉन्च किया गया था। यह मिशन सूर्य के वायुमंडल और कोरोना का अध्ययन करेगा, ताकि हम सूर्य की गतिविधि और पृथ्वी पर इसके प्रभाव को बेहतर ढंग से समझ सकें।
परिचय
Aditya L1 भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा विकसित एक सूर्य मिशन है। यह मिशन सूर्य के वायुमंडल और कोरोना का अध्ययन करेगा, ताकि हम सूर्य की गतिविधि और पृथ्वी पर इसके प्रभाव को बेहतर ढंग से समझ सकें।
सूर्य हमारे सौरमंडल का केंद्र है और यह हमारे ग्रहों और अन्य पिंडों को ऊर्जा और प्रकाश प्रदान करता है। सूर्य की गतिविधि, जैसे कि सौर फ्लेयर्स और कोरोनाल मास इजेक्शन (CMEs), पृथ्वी के वायुमंडल और जलवायु को प्रभावित कर सकते हैं।
Aditya L1 मिशन को सूर्य की गतिविधि के बारे में अधिक जानने में मदद करने की उम्मीद है। यह मिशन हमें सूर्य के वायुमंडल और कोरोना के संरचना और गतिशीलता, सौर फ्लेयर्स और CMEs की उत्पत्ति और विकास, और सौर गतिविधि और अंतरिक्ष मौसम के बीच संबंधों को समझने में मदद कर सकता है।
Aditya L1 Mission Kya hai
Aditya L1 मिशन भारत का पहला सूर्य मिशन है, जो सूर्य के वायुमंडल और कोरोना का अध्ययन करेगा। मिशन का उद्देश्य सूर्य की गतिविधि और पृथ्वी पर इसके प्रभाव को बेहतर ढंग से समझना है।
मिशन को पृथ्वी और सूर्य के बीच स्थित लैग्रेंज पॉइंट L1 के चारों ओर एक हेलो कक्षा में प्रक्षेपित किया जाएगा। यह पॉइंट सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के संतुलन से बनता है, और यह पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर है।
Aditya L1 मिशन में सात वैज्ञानिक उपकरण होंगे, जो सूर्य के वायुमंडल और कोरोना का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। ये उपकरण सूर्य के चरम पराबैंगनी और एक्स-रे प्रकाश को मापेंगे, चुंबकीय क्षेत्र को मापेंगे, और सौर हवा के प्लाज्मा को मापेंगे।
मिशन पांच साल तक चलेगा।
मिशन के लक्ष्य
Aditya L1 मिशन के निम्नलिखित लक्ष्य हैं:
- सूर्य के वायुमंडल और कोरोना के संरचना और गतिशीलता को समझना
- सौर फ्लेयर्स और कोरोनाल मास इजेक्शन (CMEs) की उत्पत्ति और विकास को समझना
- सौर गतिविधि और अंतरिक्ष मौसम के बीच संबंधों को समझना
- सौर गतिविधि के प्रभावों को पृथ्वी के वातावरण और जलवायु पर समझना
मिशन के उपकरण
Aditya L1 मिशन सात वैज्ञानिक उपकरणों को ले जाएगा:
- सोलर कॉरोनल इमेजर (SCI): यह उपकरण सूर्य के कोरोना को चरम पराबैंगनी (EUV) प्रकाश में छवि देगा।
- सोलर एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (SXS): यह उपकरण सूर्य के एक्स-रे स्पेक्ट्रम को मापेगा।
- सोलर विंड प्लाज़्मा विश्लेषक (SWAP): यह उपकरण सौर हवा के प्लाज़्मा को मापेगा।
- मैग्नेटोमीटर (MAG): यह उपकरण सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र को मापेगा।
- सोलर पार्टिकल मॉनिटर (SPM): यह उपकरण सौर ऊर्जा कणों को मापेगा।
- इन-सीटू सोलर स्पेक्ट्रोमीटर (ISS): यह उपकरण सौर हवा के प्लाज़्मा और ऊर्जा कणों को इन-सीटू मापेगा।
किस रॉकेट से यात्रा करेगा आदित्य-एल1
Aditya L1 मिशन को PSLV-C57 रॉकेट से प्रक्षेपित किया जाएगा। PSLV-C57 एक मध्यम श्रेणी का रॉकेट है जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा विकसित किया गया है। यह रॉकेट 1.5 टन तक का भार अंतरिक्ष में ले जा सकता है।
PSLV-C57 रॉकेट को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया जाएगा। प्रक्षेपण की तारीख और समय अभी तक निर्धारित नहीं किया गया है।
PSLV-C57 रॉकेट के प्रक्षेपण के बाद, Aditya L1 मिशन सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज पॉइंट L1 के चारों ओर एक हेलो कक्षा में प्रवेश करेगा। यह पॉइंट सूर्य और पृथ्वी के बीच स्थित है, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर है।
Aditya L1 मिशन पांच साल तक चलेगा।
Aditya L1 ka Budget
आदित्य एल1 मिशन को बनाने में अनुमानित 424 करोड़ रुपये का खर्च आया। यह राशि इसरो के बजट का लगभग 1% है।
इस खर्च में अंतरिक्ष यान, रॉकेट, और उपकरणों के विकास और निर्माण की लागत शामिल है। इसके अलावा, इस खर्च में मिशन के संचालन और प्रबंधन की लागत भी शामिल है।
Aditya L1 मिशन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मिशन है। यह मिशन सूर्य की गतिविधि और पृथ्वी पर इसके प्रभाव को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगा।
मिशन का मार्ग
Aditya L1 मिशन को पृथ्वी से प्रक्षेपित किया जाएगा और यह सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज पॉइंट L1 के चारों ओर एक हेलो कक्षा में प्रवेश करेगा। यह पॉइंट सूर्य और पृथ्वी के बीच स्थित है, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर है।
मिशन का समय
Aditya L1 मिशन को 2 सितंबर, 2023 को लॉन्च किया गया था। यह मिशन पांच साल तक चलेगा।
निष्कर्ष
Aditya L1 एक महत्वपूर्ण मिशन है जो हमें सूर्य की गतिविधि और पृथ्वी पर इसके प्रभाव को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगा। इस मिशन से हमें सौर भौतिकी और अंतरिक्ष मौसम के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है।
FAQ
- आदित्य एल-1 क्या है?
Aditya L1 भारत का पहला सूर्य मिशन है, जो सूर्य के वायुमंडल और कोरोना का अध्ययन करेगा।
- आदित्य एल-1 मिशन का क्या उद्देश्य है?
आदित्य एल-1 मिशन का उद्देश्य सूर्य की गतिविधि और पृथ्वी पर इसके प्रभाव को बेहतर ढंग से समझना है।
- आदित्य एल-1 मिशन कब लॉन्च होगा?
आदित्य एल-1 मिशन को 2 सितंबर, 2023 को लॉन्च किया जाएगा।
- आदित्य एल-1 मिशन का खर्च कितना है?
आदित्य एल-1 मिशन का खर्च अनुमानित 424 करोड़ रुपये है।
- आदित्य एल-1 मिशन में कितने वैज्ञानिक उपकरण हैं?
आदित्य एल-1 मिशन में सात वैज्ञानिक उपकरण होंगे, जो सूर्य के वायुमंडल और कोरोना का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
- आदित्य एल-1 मिशन कितने साल तक चलेगा?
आदित्य एल-1 मिशन पांच साल तक चलेगा।
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